I just googled about him and this is what I found. Since he has written 3 books rather than just mere articles why do you not read one of his books
Hindu Balmiki Jati | 9789350485668
Vijay Sonkar Shastri
डॉ. विजय सोनकर शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश में वाराणसी जनपद में हुआ।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बी.ए., एम.बी.ए., पी-एच.डी. (प्रबंध शास्त्र) के साथ ही संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री की उपाधि प्राप्त। बाल्यकाल से ही संघ की शाखाओं में राष्ट्रोत्थान एवं परमवैभव के भाव से परिचित डॉ. शास्त्री की संपूर्ण शिक्षा-दीक्षा काशी में हुई।
तीन जानलेवा बीमारियों के बाद पूर्णरूपेण स्वस्थ हुए डॉ. शास्त्री ने प्रकृति के संदेश को समझा। हिंदू वैचारिकी और हिंदू संस्कृति को आत्मसात् कर राजनीति में प्रवेश किया और लोकसभा सदस्य बने। सामाजिक न्याय एवं सामाजिक समरसता के पक्षधर डॉ. सोनकर शास्त्री को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया।
देश एवं विदेश की अनेक यात्राएँ कर डॉ. शास्त्री ने हिंदुत्व के प्रचार-प्रसार में अपनी भूमिका को सुनिश्चित किया तथा मानवाधिकार, दलित हिंदू की अग्नि-परीक्षा, हिंदू वैचारिकी एक अनुमोदन, सामाजिक समरसता दर्शन एवं अन्य अनेक पुस्तकों का लेखन किया। विश्वमानव के ‘सर्वोत्तम कल्याण की भारतीय संकल्पना’ को चरितार्थ करने का संकल्प लेकर व्यवस्था के सभी मोरचा पर सतत सक्रिय एवं वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
About your second question, that seems a typo for Chandravanshi Kshatriya by the article writer.
I am sure it would match your literary talent and be at par with most Marxist writings. It has been long since Bengal has produced anything beyond housemaid grade stuff.