रोजगार वीजा के लिए चीन ने मांगा कुछ वक्तठ्ठजागरण ब्यूरो, नई दिल्ली
भारतीय सीमा में चीन की घुसपैठ की खबरों के बीच चीनी राजदूत झांग यान ने गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लै से मुलाकात की। हालांकि, गृह मंत्रालय के मुताबिक चीनी राजदूत भारत में अपने कामगारों को रोजगार वीजा से कुछ राहत दिलाने के मकसद से नॉर्थ ब्लाक आए थे। व्यापारिक वीजा लेकर आए चीनी नागरिक यहां पर बड़े पैमाने पर रोजगार में लगे हैं। केंद्र सरकार ने इस पर आपत्ति जताते हुए यहां काम कर रहे चीनी नागरिकों को रोजगार वीजा लेने का निर्देश दिए हैं। चीन की सरकार रोजगार वीजा की समयावधि में व नियमों में कुछ शिथिलता चाहती है। गृह सचिव से मुलाकात के बाद यान ने भारतीय सीमा में अतिक्रमण संबंधी खबरों को सिरे से नकारा। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कुछ भी नहीं हो रहा है, आप अपने नेताओं की जुबानी सुनिए। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक भी इस मुलाकात का सीमा विवाद से कोई लेना-देना नहीं था। पिल्लै से चीनी राजदूत की मुलाकात विशुद्ध व्यावसायिक व चीनी श्रमिकों के हितों के मद्देनजर थी। दरअसल, भारत में पेट्रोलियम, स्टील और ऊर्जा क्षेत्र में चीनी कंपनियां बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं, जिनमें करीब 25000 चीनी नागरिकों को रोजगार मिला है। ये सभी चीनी नागरिक फिलहाल भारत में व्यवसायिक वीजा पर आए हैं। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इस पर सख्ती बरती और चीनी कंपनियों को निर्देश दिए कि वे अपने श्रमिकों का व्यवसायिक वीजा खत्म करा रोजगार वीजा बनाए। केंद्र के इस फैसले से चीनी कंपनियों व उनके कामगारों में खासी बेचैनी है। इससे चीनी कंपनियों की परियोजनाओं से ज्यादा भारत में काम कर रहे उनके कामगारों पर सीधा प्रभाव पड़ा है। रोजगार वीजा मिलने में न सिर्फ कई जटिलताएं हैं, बल्कि उसके फार्म भरने से लेकर बनने की प्रक्रिया भी बेहद लंबी है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक चीनी राजदूत ने गृह सचिव से श्रमिकों के रोजगार वीजा के लिए कुछ और वक्त मांगा और प्रक्रिया में भी कुछ उदारता बरतने का आग्रह किया। चीन सरकार की इल्तिजा के मद्देनजर अब गृह मंत्रालय इस मुद्दे से जुड़े विदेश व श्रम मंत्रालय से समन्वय कर आगे कोई फैसला करेगा।