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Pseudo Secular Tradition ends,7rcr says TATA to iftar parties

GreenFoe

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Prime Minister Narendra Modi might not hold Iftar party
DC CORRESPONDENT | July 24, 2014, 04.07 am IST
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PM Narendra Modi. (Photo: PTI/File)
New Delhi: Not only did he skip the Iftar party hosted by President Pranab Mukherjee on Monday, sufficient hints have come from his office that Prime Minister Narendra Modi may choose not to host such a banquet during this holy month of Ramzan, which is the first since he has taken up the country’s top job.

This is a clear departure from the past tradition, as almost all his predecessors including ex-PM Atal Bihari Vajpayee held Iftar at their residences.

When asked if the PM intends to host Iftar this year, sources indicated that as of now “no decision has been taken in this regard”.

The President hosted an Iftar at Rashtrapati Bhawan where the PM and other VVIPs were invited. But Mr Modi could not attend it as he was in Mumbai. Home minister Rajnath Singh and minority affairs minister Najma Heptullah represented the government.

Sources said, there is nothing “unusual” of the PM not hosting such an event, as during his tenure as the CM of Gujarat he never did it.

मोदी सरकार में इफ्तार से दूर हुई भाजपा, शाहनवाज ने भी पूरी नहीं की अटल की ख्‍वाहिश
  • Dainikbhaskar.com
  • Jul 29, 2014, 03:54:00 PM IST
http://m.bhaskar.com/article/refere...d-iftar-party-this-year-4696034-PHO.html?pg=2
2493_iftar-bjp-cover.jpg

(फोटोः 2003 में शाहनवाज हुसैन ने दिल्ली में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने भी शिरकत की थी।)

नई दिल्ली. भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन मंगलवार को ईद पूरी तैयारी के साथ मना रहे हैं, लेकिन इस बार उन्‍होंने दावत-ए-इफ्तार का आयोजन नहीं किया है। बीते कई सालों में ऐसा पहली बार हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आदेश और इच्‍छा का सम्‍मान करते हुए वह हर साल रमजान के दौरान इफ्तार की दावत देते थे, लेकिन मोदी सरकार में भाजपा दावत-ए-इफ्तार से दूर दिखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न तो इफ्तार पार्टी की मेजबानी की और न ही किसी ऐसी पार्टी में शामिल हुए। यहां तक कि राष्‍ट्रपति द्वारा दी गई पार्टी में भी वह नहीं गए। शायद इसीलिए उनके ज्‍यादातर मंत्री भी इस पार्टी से दूर रहे। इसमें केवल गृह मंत्री राजनाथ सिंह, अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ही शामिल हुए।

भाजपा के बड़े नेताओं में शामिल हेपतुल्ला और बीजेपी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने राजनीतिक इफ्तार पार्टी की मेजबानी नहीं की है। नकवी कहते हैं, "रोजा इफ्तार करना कोई संवैधानिक या राजनीतिक दायित्व नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह धार्मिक और निजी मामला है जैसे नवरात्र का व्रत खोलना। यह कोई राजनीतिक अवसर नहीं है।" लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने इस बार दावत-ए-इफ्तार क्‍यों नहीं दिया? इस बारे में वे कहते हैं, "बस ऐसे ही, मैं इस बार सांसद नहीं हूं। और न ही कोई मजबूरी है। यह मेरा निजी धार्मिक मामला है।"

हुसैन ने एक अखबार को बताया, "1999 में अटल बिहारी वाजपेयी ने बीजेपी की जीत के बाद इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि अब तुम इसे हर साल करो, मैं शामिल होऊंगा। उनकी इच्छा पर मैंने यह शुरू किया। अटलजी जब तक स्‍वस्‍थ थे, तब तक दावत में आते रहे थे। कई बार तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हुए।"

वाजपेयी ने 2002 में प्रधानमंत्री निवास में ईद मिलन का आयोजन भी किया था। हालांकि, उसमें लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी जैसे नेता और जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी नहीं गए थे। हालांकि, तब एनडीए का साथ छोड़ने के बावजूद उमर अबदुल्ला उसमें पहुंचे थे और बड़े ही गर्मजोशी से प्रधानमंत्री वाजपेयी से मिले थे। इस बार प्रधानमंत्री निवास में ऐसा कोई आयोजन नहीं रखा गया है।

दिल्‍ली में भले ही भाजपा दावत-ए-इफ्तार से दूर दिखी, पर राज्‍यों में पार्टी के बड़े नेताओं ने रमजान में इफ्तार का आयोजन किया। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने बीते शनिवार को जयपुर में अपने निवास पर शानदार इफ्तार पार्टी आयोजित की थी, जिसमें उन्होंने 1300 से ज्यादा मेहमानों की मेजबानी की थी। इसमें अंजुमन दरगाह शरीफ (मोइनुद्दीन चिश्ती, अजमेर) के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। उन्होंने वसुंधरा को चुनरी भेंट की। राजे इससे पहले भी (2003-2008) अपने मुख्यमंत्रित्व काल में इफ्तार पार्टियां देती रही हैं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हाल ही में अपने निवास पर रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें शहर के काजी मुश्ताक अली भी शामिल हुए थे।

बीजेपी की महाराष्ट्र और पंजाब टीम ने इफ्तार पार्टी आयोजित की। कर्नाटक, बिहार और प. बंगाल में भी ऐसे आयोजन किए गए। इन पार्टियों में रेल मंत्री सदानंद गौड़ा, वरिष्ठ बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी और बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष राहुल सिन्हा शामिल हुए। जबकि उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्‍यों में भाजपा ने इफ्तार पार्टी आयोजित नहीं की।

आगे की स्लाइड्स में देखें पहले हुई इफ्तार पार्टियों की तस्वीरें...
 
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Pakistani members laughed at RSS for holding Iftar party. I want to see their reaction to this
 
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lol...
iftar is not constitutional... so.no binding.. its personal choice ..

waise will muslims leaders and maulvis come on navratra and bow before the goddess.... o_O
 
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do we have other religious ceremonies at 7 rcr like this ? i mean, what are the ceremonies traditionally hosted there ?
 
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Pseudo secular. I laugh at the lack of comprehension of most Pakistanis about Secularism. After all, a born blind man has no concept of what light it :)
 
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How is this a pseudo-secular tradition?
It's just a banquet.
What do you guys call festivals?
 
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Pseudo secular. I laugh at the lack of comprehension of most Pakistanis about Secularism. After all, a born blind man has no concept of what light it :)

The OP is an Indian. all posters on this thread before you are Indians. Yet your kind's obsession with Pakistan is beyond me. It has to be brought up in every topic.
 
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Pseudo secular. I laugh at the lack of comprehension of most Pakistanis about Secularism. After all, a born blind man has no concept of what light it :)

Lets ask OP for he's the one who has used this term (pseudo - secularism) interestingly he happens to be an Indian, not a Pakistani as you have assumed. He would give us a better explanation as he's not blind and has a concept of light.
@GreenFoe
 
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Pakistani members laughed at RSS for holding Iftar party. I want to see their reaction to this

I laugh at the lack of comprehension of most Pakistanis about Secularism.


The article is neither my circus nor my donkey however some just had to drag Pakistan in didnt ya? cant live without us? :azn:

Oh BTW, sorry we dont read nor write this:

मोदी सरकार में इफ्तार से दूर हुई भाजपा, शाहनवाज ने भी पूरी नहीं की अटल की ख्‍वाहिश
 
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The OP is an Indian. all posters on this thread before you are Indians. Yet your kind's obsession with Pakistan is beyond me. It has to be brought up in every topic.
Lets ask OP for he's the one who has used this term (pseudo - secularism) interestingly he happens to be an Indian, not a Pakistani as you have assumed. He would give us a better explanation as he's not blind and has a concept of light.
@GreenFoe
Ok.. My bad. Does not change the truth of my post, even though not applicable in this case.
 
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Pakistani members laughed at RSS for holding Iftar party. I want to see their reaction to this
Considering the lack of response, it's pretty clear that we don't care. It's India's internal issue, this has nothing to do with Pakistan.
 
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